Friday, 23 November 2007

जिन्दगी

प्रस्तुत है मेरी पसंद के एक गीत का एक चुभता - सा पैराग्राफ :

जो दिल को तसल्ली दे , वो साज उठा लाओ
दम घुटने से पहले ही , आवाज़ उठा लाओ

परछाइयां रह जातीं , रह जाती निशानी है
जिन्दगी और कुछ भी नहीं , तेरी मेरी कहानी है ।

इक प्यार का नगमा है , मौजों की रवानी है
जिन्दगी और कुछ भी नहीं , तेरी मेरी कहानी है ।


----- सावित्री

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